Saturday, September 18, 2021

एक्साइज विभाग की नीतियां और परेशान बार मालिक

 



जैसा कि जेके युटी में एक्साइज विभाग वालों ने बार मालिकों के लिए नीतियां तय की है जिसमें उन्होंने अलग अलग विभाग की एनओसी उनको लेकर आने को कहा है और जब तक यह नीतियां एनओसी वह लेकर नहीं आते तब तक उनकी बार खुल नहीं सकती। पूर्ववर्ती सरकारों के राज में बार मालिकों पर इस तरह की कोई पाबंदी नहीं थी और तकरीबन जो बारें खुली है वह कहीं ना कहीं नियमों को ताक पर ही रखकर खोली गई थी। लेकिन जबसे जेके यूटी बनी है तब से इन बार मालिकों के लिए एक परेशानी का स्बब बन गया है। अगर हम  सांबा खास की ही बात करें तो यहां से यहां पर 9 या 10 के लगभग बार हैं जोकि पिछले 10-12 दिनों से बंद है और उनको तकरीबन 5 तरह की एनओसी लेकर आने को कहा गया है जिसमें मेडिकल डिपार्टमेंट से, एजुकेशन डिपार्टमेंट से, तहसीलदार, ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर, मुंसिपल कमेटी वगैरा-वगैरा है, उनको पूरा करने के लिए कहा गया है। सांबा खास की ही बात करें तो 10  में से कुछ चंद ही ऐसे होगी जो इन नियमों को पूरा कर सकेंगी और बाकियों के लिए खोलना मुश्किल है। इसमें कुछ बार मालिक यह आरोप लगाते हैं कि बाहर से जो खनन माफिया आया है उसी ने जो शराब माफिया का रूप भी ले लिया है और तकरीबन जितनी भी वाइन शॉप से है इन्हीं के पास है और बार मालिक जो कि लोकल हैं उनका यह बिजनेस ठप्प करना चाहते हैं इसलिए उनको परेशान करने के लिए ऐसा किया जा रहा है इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो एक्साइज डिपार्टमेंट और सरकार ही बता सकती है। लेकिन फिर भी हम यह कहेंगे कि अगर यह बार उस टाइम पर खोली गई तो तो इनको क्यों खोलने दिया और उस वक्त की सरकारें और एक्साइज डिपार्टमेंट क्या कर रहा था। चाहिए तो यही कि यह नियम और कानून को दायरे में रखकर ही खोली जांयें तो इस बारे में सरकार क्या निर्णय ले लेती है अब बार मालिकों का  भविष्य इसी बात पर निर्भर करेगा।

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