Tuesday, August 4, 2020

History of Struggle for Distt Samba Part 4: Formation of All Parties Distt Action Committee



As late chief minister Sheikh Mohammed Abdullah in 1977 announced three districts for Kashmir and appointed Jankinath Wazir Commission for Jammu region so the people of Samba were in anticipation that there might be a struggle to get the district status for Samba, so they met with the Chief Minister Sheikh Mohammed Abdullah in the leadership of advocate Sukhdev Singh sambyal. He assured that Janki Nath Wazir Comission is to find out the probability of new districts in Jammu region and the claim of Samba will be in consideration but the people of Samba in anticipation tried to have the public opinion in this favour so verbal meetings were started in Samba and the awareness campaigns in swing to change the public opinion regarding this. Late Shri DD Thakur who was the cabinet minister in the then government advised the intellectuals of Samba to have a proper body to deal with the affairs of Samba so the All parties District Action Committee was formed in 1980s to fight for the cause of Samba and the responsibility was again given to Adv Sukhdev Singh Sambyal to head this. As the first priority was to have the public opinion in favour of District Samba so near about  250 villages were traversed by the team to get the people aware about the benefits of a distt & to have public opinion in favour of this. Wazir Commission gave its report in 1983 and as as Mr Sheikh Mohammed Abdullah was died in 1982, the commission's report was  put in a cold box. Political uncertainty was erupted after the death of Sheikh Mohammad Abdullah with the coronation of his son Farooq Abdullah and after some months the coronation of GM Shah as the chief minister of J&K state. The All Parties district Action Committee delegation met with Chief minister GM Shah in 1984 in Srinagar and submitted him the memorandum for the district status for the Samba by modifying the Wazir Commission report. The delegation comprised of of advocate Sukhdev Singh sambyal captain Ishar Singhof Mandi Kotli captain Surat Singh of Mandi Thalora Rajinder Singh of Mandi Thalora, Major Dalip Singh of Mandi Sangwali etc. Chief Minister GM Shah assured the delegation that everything will be all right.

To be continued...


1977 में दिवंगत मुख्यमंत्री शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने कश्मीर के लिए तीन जिलों की घोषणा की और जम्मू क्षेत्र के लिए जानकीनाथ वजीर आयोग नियुक्त किया, इसलिए सांबा के लोग इस उम्मीद में थे कि सांबा को जिला का दर्जा मिल  सकता है, इसलिए वेन अधिवक्ता सुखदेव सिंह समब्याल के नेतृत्व में मुख्यमंत्री शेख मोहम्मद अब्दुल्ला से मिले।  उन्हे आशवासन दिया गया कि वज़ीर कॉमिशन जम्मू क्षेत्र में नए जिलों की संभावना का पता लगाने के लिए है और सांबा के दावे पर विचार किया जाएगा। लेकिन सांबा के लोग  इसबारे में आशंकित थे इसलिए लोगों की राय जानने के लिए बैठकें शुरू हुईं  और इस बारे में जनता की राय बनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाए गए स्वर्गीय श्री डीडी ठाकुर, जो तत्कालीन सरकार में कैबिनेट मंत्री थे, उन्होंने सांबा के बुद्धिजीवियों को सांबा के मामलों से निपटने के लिए एक उचित मंंच बनाने की सलाह दी थी, इसलिए सांबा के कारण के लिए लड़ने के लिए सभी दलों जिला कार्यसमिति की स्थापना 1980 के दशक में की गई।  उस समय सुखदेव सिंह सम्याल को इसे संभालने की जिम्मेदारी दी गई थी। उनकी पहली प्राथमिकता जिला सांबा के पक्ष में जनता की राय जानी थी और अपना पक्ष रखना था जिससे लोग जिलाा को मिलने वाले फायदे के बारे में जान ले और अगर कहीं कभी संघर्ष की नौबत आए तो बहुत संघर्ष के लिए खुद को तैयार कर सकें इसलिए लगभग 250 गांवों का टीम द्वारा दौरा किया गया था।  वजीर आयोग ने 1983 में अपनी रिपोर्ट दी और जैसा कि 1982 में श्री शेख मोहम्मद अब्दुल्ला का निधन हो गया, आयोग की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।  राजनीतिक अनिश्चितता केे बीच उनके बेटे फारूक अब्दुल्ला की ताजपोशी और बाद में कुछ ही महीनों के बाद जीएम शाह को मुख्यमंत्री बनाने से माहौल काफी अनिश्चता से भरा हुआ था। इस माहौल में 1984 मैं सांबा से डिस्ट्रिक्ट एक्शन कमेटी का प्रतिनिधिमंडल सुखदेव सिंह संबयाल के नेतृत्व में मुख्यमंत्री G M Shah से श्रीनगर में मिला और उनको सांबा को डिस्टिक स्टेटस देने के बारे में एक ज्ञापन सौंपा  प्रतिनिधिमंडल में अधिवक्ता सुखदेव सिंह समब्याल के अलावा कप्तान इश्शर सिंह मंडी कोटली कप्तान सूरत सिंह मंडी थलौरा राजेंद्र सिंह मंडी थलौरा  मेजर दिलीप सिंह  मंडी संगवाली आदि शामिल थे। मुख्यमंत्री जीएम शाह ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि सब कुछ ठीक हो जाएगा।


 जारी है।

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