Saturday, July 11, 2020

रुत राढे खत्म होती डोगरा विरासत।



रुत राढे डोगरा कल्चर का एक बहुत ही पुराना त्यौहार है जिससे हमारे जम्मू क्षेत्र में बहुत ही चाव से मनाया जाता है। इसमें लड़कियां अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए पानी के घडो़ं के मुख के अंदर बीज लगाती हैं जो कि त्यौहार खत्म होने तक मिंजरों में तब्दील हो जाते हैं फिर बाद में इनको श्रावण पूर्णिमा पर विसर्जित कर दिया जाता है। आखिरी दिन स्कोल्ड़े भी बनाए जाते हैं जोकि लड़कियां एक दूसरे के साथ बड़े चाव से अदला-बदली करती हैं। जय एक बहुत ही पुराना त्यौहार है समय के साथ डोगरों के कल्चर का यह तोहार फीका होता जा रहा है लेकिन फिर भी अभी भी गांव में यह मनाया जाता है

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