आज जब इंसान चांद पर जाने की होड़ में जुटा हुआ है इस वक्त भी जिला सांबा के सोडम पंचायत के कुछ गांव ऐसे हैं जहां अभी भी लोगों को पीने का पानी मयस्सर नहीं है। जिला सांबा के पंचायत सोडम के वार्ड नंबर 2, एस सी मोहल्ला ऐसा है यहां लोगों के तकरीबन 25 घर हैं उनको पीने की पानी की कोई सहूलियत उपलब्ध नहीं है। कुछ समय पहले वहां पर काम लगा था वहां के लोगों का कहना है कि जो सड़क थी वह भी उनके गांव से 2 किलोमीटर दूर है वह भी उन तक नहीं पहुंची और उल्टे जो पानी की पाइप्स उन तक पानी पहुंचा दी थी उनको भी उखाड़ दिया गया। उन्होंने कहा इस बाबत उन्होंने अपने गांव के पंच सरपंच सभी से बात की लेकिन उनकी बात की कोई सुनवाई नहीं हुई। उनसे बार-बार यही कहा गया कि वह डीसी से मिलें। वह डीसी से भी मिलने पहुंचे और उनको यह आश्वासन दिया गया कि 1 हफ्ते के वक्त में उनको पीने का पानी उपलब्ध हो जाएगा लेकिन आज 8 महीने हो चुके हैं अभी तक उनके पास पीने का कोई पानी मौजूद नहीं है। वहां के लोगों ने कहा कि वह जिस तालाब का पानी पीते हैं वह बहुत ज्यादा गंदा है और गर्मियों में उसके सूखने का डर और ज्यादा रहता है। इस तालाब का पानी इस कदर गंदा है कि जानवर भी उस पानी को पीने को कतरा जाएं। उस पानी से कितनी बीमारियां उनके अंदर पर ही हैं उसके बारे में कुछ नहीं बता सकते। लेकिन वह इस पानी को पीने को मजबूर हैं क्योंकि उनके पास पीने के पानी का कोई और जरिया नहीं है। उनका कहना थ कि पीने का पानी लेने के लिए कई बार उनको पहाड़ से उतरकर 3 किलोमीटर नीचे जाना पड़ता है और 3 किलोमीटर नीचे से जब वह पानी लेकर आते हैं तो उनके बच्चे क्या खाक पढ़ने जाएंगे जो सारा दिन पानी ही ढोते रहेंगे वो क्या काम करेंगे। इस गांव में इसको लेकर कोई शादी तक करने को मंजूर नहीं है क्योंकि पीने के पानी की समस्या सभी को पता है। उन्होंने कहा कि जितने भी संबंधित अफसरान हैं जितने भी पंच सरपंच बीडीसी मेंबर सभी से उन्होंने बात की है लेकिन उनकी समस्या का कोई निदान नहीं निकला। पहले भी सोडम पंचायत के गांव दाबनु में लोग गंदा पानी पीने से बीमार पड़ गए थे और वहां पर प्रशासन को एक कैंप लगाना पड़ा था और किसी तरह उन लोगों को बचाया जा सका। क्या प्रशासन अभी इस बात को लेकर आमदा है कि वही समस्या सोडम पंचायत के वार्ड नंबर 2 एस सी मोहल्ला में भी हो। उस बार तो दाबनु पंचायत के लोग बच गए थे तो क्या इस बात की कोई लिखित ग्रंटी है कि वार्ड नंबर 2 के लोग भी बच पाएंगे। वहां के एक बुजुर्ग ने हमें बताया की पीएचई विभाग से सिर्फ एक ही मुलाजिम है जो कि गोरन पंचायत के गांव खब्बल कैड कडकाना सूर् मनसूर चोरनी चलाड़ा बेलियां आदि में पानी की सप्लाई लगाता है। अगर वह पैदल बीच में घूमे तो उसको पूरा इलाका कवर करने में 1 हफ्ते का समय लग जाता है। वैसे भी उनकी पानी की पाइप तो है ही नहीं है लेकिन अगर होती तो तब भी उनको पानी की पूर्ति कभी नहीं हो पाएगी। जो भी हो हमारी प्रशासन से अनुरोध है कि सोडम पंचायत के इस गांव के लोगों की तकलीफों को सामने रखते हुए प्रशासन को ठोस कदम उठाए जिससे कि इन लोगों को पीने का पानी जो कि उनकी एक बुनियादी जरूरत है वह उपलब्ध हो सके और आने वाली गर्मियों में वो ना ना प्रकार की बीमारियों और पानी की किल्लत से बच सकें। नंही तो गांव दाबनु वाली स्थिति की पुरानावर्ती हो सकती है।
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