Saturday, March 19, 2022

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को फिल्म-द कश्मीर फाइल्स को एक मनगढ़ंत कहानी करार दिया

 


जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को फिल्म-द कश्मीर फाइल्स को एक मनगढ़ंत कहानी करार दिया। जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के विस्थापन और जिहादियों की ओर से उन पर हुए अत्याचारों पर बनी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' देश में जबरदस्त धूम मचा रही है। लेकिन फिल्म को लेकर देश का सियासी पारा चरम पर पहुंच गया है। इसको लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी और अब पूर्व जम्मू कश्मीर राज्य की क्षेत्रीय पार्टियां आमने-सामने आ गए हैं और फिल्म को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है ।खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रीडम आफ एक्सप्रेशन को लेकर फिल्म का पक्ष और कांग्रेस का नाम लिए बगैर महात्मा गांधी और इमरजेंसी का जिक्र किया तो कांग्रेस ने इसका जबरदस्त विरोध किया। जनसंघ के बहाने भाजपा पर तंज कसा। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा के 50 से सांसद उस वक्त क्या कर रहे थे और पूर्व जम्मू कश्मीर राज्य की मुख्यमंत्री महुआ मुफ्ती ने भी प्रधानमंत्री पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया अब इस कड़ी में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी शुक्रवार को कहा कि फिल्म द कश्मीर फाइल्स एक मंगल कहानी है और सच्चाई से इसका कोई लेन-देन नहीं है। 

आइए जानते हैं कि सबसे पहले पीएम मोदी जी ने इसके बारे में क्या कहा। उन्होंने कहा..अगर किसी ने उस समय हिम्मत के साथ काम करके महात्मा गांधी के जीवन पर फिल्म न बनाई होती तो दुनिया को गांधी के महान व्यक्तित्व के बारे में पता भी न चलता। पहली बार एक विदेशी ने महात्मा गांधी पर फिल्म बनाई और उसे पुरस्कार मिला, तब जाकर दुनिया को पता चला कि गांधी इतने महान व्यक्ति थे। कुछ लोग फ्रीडम आफ एक्सप्रेशन के बारे में कहते तो बहुत कुछ हैं, लेकिन आपने देखा होगा इमरजेंसी इतनी बड़ी घटना कोई फिल्म नहीं बना पाया, क्योंकि सत्य को दबाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा...कोई सत्य उजागर करने का साहस करे उसको जो सत्य लगा उसने प्रस्तुत करने की कोशिश की, लेकिन उस सत्य को न समझने की तैयारी, न स्वीकार करने की तैयारी, न ही दुनिया इसको देखे इसकी उसको मंजूरी है... मेरा विषय कोई फिल्म नहीं है, मेरा विषय है जो सत्य है उसे सभी स्वरूप में देश के सामने लाना चाहिए। ... भारत विभाजन जब हमने 14 अगस्त को एक हारर डे के रूप में याद करने के लिए तय किया तो कई लोगों को बड़ी मुसीबत हो गई। भारत विभाजन पर कोई ऑथेंटिक फिल्म नहीं बनी। अब इसलिए इन दिनों आपने देखा होगा कि कश्मीर फाइल्स फिल्म की चर्चा चल रही है, जो लोग हमेशा फ्रीडम आफ एक्सप्रेशन के झंडे लेकर घूमते हैं वह पूरी जमात बोखला गई है और यह फिर तथ्यों के आधार पर आर्ट के आधार पर उसकी विवेचना करने के बजाय उसको दबाने की कोशिश कर रहे है।... उसके लिए पूरी मुहिम चला रहे हैं।


इस पर कांग्रेस ने भी पीएम मोदी को जवाब देते हुए कहा कि उस समय बीपी सिंह की सरकार थी और जो कि भाजपा के पचासी (85) सांसदों की मदद से चल रही थी तो कश्मीर पलायन को ना रोकने के लिए उस वक्त भाजपा ही जिम्मेदार है। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी इस पर प्रधानमंत्री को गुमराह करने का आरोप लगाया था और अब इस सिलसिले में पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी कल कहा कि कश्मीर फाइल्स एक मनगढ़ंत कहानी है और सच्चाई से कोसों दूर है उन्होंने कहा कि इस फिल्म में तरह-तरह के झूठ दिखाए गए हैं और इस फिल्म ने सब बर्बाद कर दिया। इस तरह से उन्होंने इस फिल्म के पूरे तथ्यों को ही झुठला दिया। 

सनद रहे कि विवेक रंजन अग्निहोत्री द्वारा लिखित और निर्देशित द कश्मीर फाइल्स 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों का विस्थापन और उन पर हुए अत्याचारों का जिक्र करती है कि किस तरीके से कश्मीरी पंडित वहां से विस्थापित हुए और दुनिया की इस सबसे बड़ी विस्थापन को नजरअंदाज किया गया और इसका कोई कहीं भी जिक्र नहीं मिलता है इस तथ्य को जो कहा नहीं जा सकता कि कश्मीरी पंडित वहां से विस्थापित हो गए थे और कोई अपना घर छोड़कर क्यों पलायन करेगा। इस समय यूक्रेन में पलायन जारी है तो हम कह सकते हैं कि जब इस कैसी जगह पर अत्याचार बढ़ता है तो उसी वक्त वहां से विस्थापन होता है लोग किसी डर भय और अत्याचार की वजह से ही अपना घर छोड़कर पलायन करते हैं जो भी हो इस फिल्म को लेकरअभी और सियासी पारा गर्म हो सकता है क्योंकि फिल्म 1990 के दशक की उन घटनाओं का जिक्र करती है, आम लोगों को जिनके बारे में जानकारी नहीं है

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