कहते हैं कि यह कहावत है कि जिसको राखे साइयां मार सके ना कोई यही कहावत तुर्की और सीरिया में आए भूकंप में भी सही साबित हो रही है। भूकंप के 62 घंटे बाद भी मलबे में से मासूम जिंदगियों के निकलने का दौर जारी है। एक महिला ने एक बच्चे को मलबे में ही जन्म दिया हालांकि उसकी मां को तो नहीं बचाया जा सका लेकिन बच्चे को बचा लिया गया। इसी तरह से कुछ और मासूम मलबे के ढेर में बचाव कर्मी द्वारा निकाले गए जिससे लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई।
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