Friday, September 16, 2022

सांबा के बसंतर दरिया में भारी तादात में मछलियों के मरने के का मामला आया सामने: फिशरी विभाग ने अवैध खनन और इंडस्ट्रियल पोलयूशन को बताया जिम्मेवार





सांबा के बसंतर दरिया में भारी तादाद में मछलियों के मरने का एक मामला सामने आया है मछलियां जिस तादाद में मरी है कि उनको देखकर लगता है कि यह अगर ऐसे ही मरती रही तो इनका अस्तित्व विलुप्त हो जाएगा। मछली मरने की वजह फिशरी विभाग यह बता रहा है कि अवैध खनन की वजह से जो दया का नेचुरल फ्लो है वह खत्म हो गया है जगह-जगह गड्ढे होने से पानी रुक रहा है और इसकी वजह से मछलियां मर रही हैं। दूसरा कारण उन्होंने यह बताया कि सांबा में लगी हुई फैक्ट्री से निकलने वाला गंदा पानी जो कि बिना प्रोसेस हुए बिना फिल्टर हुए दरिया में जाता है यह भी इसकी एक बहुत बड़ी बजह है। इस बारे में सारा सांबा के लोग चिंतित हो गए हैं और अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा सोशल मीडिया पर अलग-अलग कमेंट डाले जा रहे हैं। जाने-माने हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर व्यास का इसके बारे में कहना है कि यह सब सांबा में लगी हुई फैक्ट्रियों के पोलूशन की वजह से हो रहा है इसमें सिर्फ मछली ही नहीं मर रही, उनके कहने के मुताबिक कि इंसानों में फर्टिलिटी का काम होना, सब्जियों का कम लगना कैंसर रोगियों का सांबा में बेतहाशा बढ़ना, यह सब इसी फैक्ट्रियों के पोलयूशन की वजह से ही हैं और मछलियां भी इसकी वजह से ही मर रही हैं। हम आपको बताते चलें कि यह पहला मामला नहीं है कि इस तरह से मछलियां मरी है सांबा में फैक्ट्रियों के से निकलने वाले गंदे पानी से एक बार बहुत सारी भैंसे भी मर गई थी जो कि गुर्जर जाति से संबंधित थी उनके बारे में भी यह तथ्य सामने आया था कि यह सब फैक्ट्रियों से निकलने वाले हानिकारक केमिकल वाले पानी पीने से मरी है। तो इसके बारे में अगर हम और लोगों की भी राय जाने ने तो अलग-अलग लोगों ने इसके बारे में अलग-अलग विचार दीये है लेकिन सभी ने इसके लिए खास तौर पर अवैध खनन और फैक्ट्रियों से निकलने वाले पोलयूशन को ही जिम्मेदार बताया है। इस तरह से भारी तादाद में मछलियों का मरना जोकि सांबा के लोगों के लिए एक दुखद समाचार है और साथ में जैसे कि हम आपको बताते चलें कि  दरिया लोगों की आस्था का भी प्रतीक है और उसको पवित्र दरिया माना जाता है तो इस तरह से मछलियां मरने से मछली की प्रजाति के लुप्त होने के आसार हैं क्योंकि सांबा के बसंतर दरिया में पाई जाने वाली मछलियों की एक खास प्रजाति है जो बाकी जगहों में नहीं मिलती है। इसके साथ ही यह भी देखने में आया है कि अगर मछलियां इस प्रकार गंदे पानी की वजह से मर रही हैं टॉय सांबा के लोगों के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है। यह दरिया हमारे सांबा के लोगों के लिए पीने के पानी का एक बहुत बड़ा स्रोत है क्योंकि सांबा में ग्राउंड टेबल को मेंटेन में रखने में इसका बहुत बड़ा अहम रोल है। अगर इस में ऐसे ही हानिकारक केमिकल समाते रहे तो निश्चित रूप से यह ग्राउंड टेबल को खराब कर देगा जिससे सांबा के लोगों के लिए बहुत सारी बेतहाशा बीमारियों के होने का खतरा मंडरा रहा है। डॉक्टर व्यास इसके बारे में पहले ही अपने विचार रख चुके हैं कि किस तरह से ये इंसानो में इनफर्टिलिटी, सब्जियों का ना होना, वातावरण खराब होना और कैंसर के जो मामले सांबा में बढ़ रहे हैं उनका यह एक बहुत बड़ा कारक है। तो हमारा फिशरी विभाग से खनन विभाग से, पोलयूशन विभाग से, डिस्टिक एडमिनिस्ट्रेशन सांबा से सभी से हमारा यह अनुरोध है कि इस दरिया को पुनर्जीवित किया जाए और इसको वैसा ही रूप दिया जाए जैसा कि यह पहले था। दरिया में जगह-जगह पड़े हुए बड़े-बड़े खड्डे को देखकर ऐसा लगता है कि दरिया की शाती को चीर के रख दिया गया है इसके बारे में हमने अपने माध्यम से पहले भी आपको वीडियो में बताया था कि अवैध खनन करने वालों ने इस दरिया की क्या हालत कर दी है कि इसका जो स्ट्रेटा जो पानी को लेकर चलता था वहीं जगह-जगह से उखड़ गया है। तो हमारा इन सभी विभागों से फिर से हाथ जोड़कर यह अनुरोध है कि इस दरिया को फिर से पुनर्जीवित किया जाए क्योंकि यह सांबा के लोगों की पहचान ही नहीं उनकी जिंदगी को जीने लायक बनाने का भी एक स्रोत है जान यह कहे "कि यह उनकी लाइफ लाइन है"

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