Tuesday, May 17, 2022

ज्ञानवापी मस्जिद है या मंदिर और वजुखा़ने का वायरल वीडियो


जैसा कि आप सभी जानते हैं की ज्ञानवापी मस्जिद है या मंदिर इस पर कोर्ट का एक सर्वे चल रहा है और कोर्ट के द्वारा नियुक्त किए गए व्यक्ति इस मस्जिद की सर्वे करने करने के साथ वीडियोग्राफी भी कर रहे हैं जिसमें इसके पक्ष और विपक्ष के दोनों व्यक्ति कहने का मतलब है वादी और प्रतिवादी दोनों कोर्ट का पूरा साथ दे रहे हैं। लेकिन इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जो ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर जो वजुखा़ना है उसका बताया जाता है। इस तथ्य की पुष्टि हो चुकी है कि यह वायरल वीडियो उसी जगह का है जहां पर सर्वे हो रहा है और यह कब का है इसके बारे में कोई निश्चित तौर पर नहीं कह सकता कि यह कब का है लेकिन यह एकदम पुराना वीडियो है इस वीडियो में कुछ लोग वहां पर वजुखा़ने की सफाई कर रहे हैं और बीच में एक कुआं दिखाई देता है और उस कुएं के अंदर एक शिवलिंग की तरह दिखने वाला स्तंभ है जिसे सभी लोग यह मानकर चल रहे हैं कि वह शिवलिंग ही है। लेकिन ओवैसी असदुद्दीन ओवैसी जैसे व्यक्ति कह रहे हैं कि यह शिवलिंग नहीं है यह एक फव्वारा है। हम इसके बारे में निश्चित तौर पर कुछ तो नहीं कह सकते कि यह वास्तव में एक शिवलिंग है या नंही है लेकिन इस प्रकार से एक कुएं के अंदर उसका मिलना और वह भी उस जगह पर यहां वजु किया जाता है तो यह निश्चित तौर पर यह हिंदू पक्ष का दावा मजबूत करता है कि ज्ञानवापी जो मस्जिद है वह मस्जिद हिंदू मंदिर को तोड़ कर बनाई गई है क्योंकि इसके दो-तीन सबूत तो पहले भी मिल चुके हैं जैसे कि मस्जिद की जो दीवार है वह हिंदू मंदिर की तरह है उस पर हिंदू मंदिर की तरह ही नक्काशी है और इसी तरह से जो पश्चिमी द्वार है उस पश्चिमी द्वार पर एक घंटी नुमा आकृति उकेरी गई है जो कि अक्सर हिंदू मंदिरों में होती है मस्जिदों में नहीं होती। इसके अलावा भी अगर हम सूत्रों की माने तो मस्जिद के अंदर से संस्कृत में लिखे हुए श्लोक और भी बहुत सारे ऐसे तथ्य मिले हैं जिससे जे पक्का होता है कि जो ज्ञानवापी मस्जिद है वह मंदिर को तोड़कर बनाई गई। सबसे बड़ी बात तो उसका नाम ज्ञानवापी ही यह बताता है कि यह एक मंदिर है, मस्जिदों के ऐसे नाम नहीं होते। अगर हम इस वायरल हो रहे वीडियो को लेकर चलें और जैसा कि कोर्ट सर्वेयर ने कहा कि हां सचमुच में यह वही जगह है तो हम यह मानकर चल सकते हैं कि यह सचमुच में एक शिवलिंग जिसके साथ छेड़छाड़ की गई है। अगर सचमुच में यह एक शिवलिंग है तो इस तरह से विश्वेश्वर बाबा के शिवलिंग को वजु खाने में कैद करके रखना जहां मुस्लिम नमाज़ पढ़ते समय अपने हाथ पैर धोते हैं और कुल्ला करते हैं सचमुच में एक बड़ा ही निंदनीय कदम है। यह उस कहावत "मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना" उस पर भी खरा नहीं उतरता है। सर्र्वेयर अभी 3 दिन का समय और मांग रहे हैं अपनी रिपोर्ट को पेश करने का, तो 3 दिन के बाद कोर्ट में ही आखिर पता चलेगा कि उनके द्वारा क्या रिपोर्ट दी गई। क्या यह सचमुच भोले बाबा है और क्या यह सचमुच में मंदिर है जब तक यह बात सामने नहीं आती। हम तो इस बार इस वीडियो को देखकर यही मानकर चलेंगे कि यहां पर भोले बाबा विराजमान है क्योंकि जो नदीगण मंदिर के अंदर बना हुआ है उसकी आकृति मंदिर की तरफ ना होकर ठीक उस तरफ है यहां वजु खाने के अंदर विश्वेश्वर बाबा प्रकट हुए हैं।

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