Wednesday, August 4, 2021

डोगरी साहित्य की पहचान, पद्मश्री पद्मा सचदेव हमारे बीच नहीं रही


 डोगरी साहित्य की पहचान, पद्मश्री पद्मा सचदेव हमारे बीच नहीं रही। उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक कार्यक्रमों में डोगरी का प्रतिनिधित्व किया। उनके कई कविता संग्रह प्रकाशित है। किन्तु "मेरी कविता मेरे गीत" के लिए उन्हें 1971 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें वर्ष 2001 में पद्मश्री और वर्ष 2007-08 में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कबीर सम्मान भी प्रदान किया गया। उन्होंने 81 वर्ष की उम्र में परमधाम की प्राप्ति की पर साहित्यिक संसार में उनका नाम हमेशा अमर रहेगा।

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