जिला सांबा के सुंब क्षेत्र में कुछ गांव ऐसे भी हैं जहां पर ना तो पीने के लिए पानी है और ना ही जाने के लिए रास्ता। यहां के लोगों का जीवन बहुत ही कठिनाई से मिलता है। अगर हम बात करें तो बनब पयूर बेलियां जीड हडंड समोठा सोडम आदी गांव की बात करें तो यहां पर जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है इन लोगों को जाने के लिए पहले तो सुंब क्षेत्र से लगते एक नाले को पार करना पड़ता है जो की बारहमासी है और पूरे साल बहता है। उसके बाद पहाड़ी को किसी तरह से सरकार ने मशीन लगाकर काटकर थोड़ा बहुत रास्ता बनाया है उस रास्ते से पैदल चलते हुए फिर उनको दरिया बसंतर को पार करना पड़ता है फिर कहीं जाकर वह अपने गंतव्य तक पहुंच पाते हैं सबसे बड़ी बात यह है कि रास्ता ना होने की वजह से यहां पर बहुत सारी प्रॉब्लम है कई बार हम पहले भी बता चुके हैं कि कोई गर्भवती औरत टाइम पर ना पहुंची और रास्ते में उनकी मौत हो गई। पीने के पानी की बात करें तो जीड गांव मे पानी की सप्लाई है लेकिन टूटी हुई है लोगों को पानी के लिए मतैडी जाना पड़ता है यहां से वे बोली मे से पानी निकालते हैं और उस पानी से जरूरतें पूरी करते हैं। कुछ महीने ही गांव दाबड़ु के लोग बावली का पानी पीने से बीमार हो गए थे और पूरे का पूरा गांव ही मरने की कगार पर पहुंच चुका था। और वहां हैल्थ डिपार्टमेंट वालों को लोगों को बचाने के लिए कैंपिंग करनी पड़ी थी। यह लोग अभी भी एक ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जिसे हम आदमयुगीन दुनिया कह सकते हैं। जब बात इलैक्शन की आती है तो नेता वोट मांगने आते हैं तो यह लोग उस वक्त उन लोगों को वोट डाल देते हैं कि कम से कम उनके लिए पीने के पानी की व्यवस्था और रास्ते का प्रबंध हो जाएगा। लेकिन कई सदियों से लोगों का नसीब खुल नहीं पाया है और ना ही उनको पीने का पानी उपलब्ध है। हमारा सरकार से अनुरोध है कि इन लोगों को पीएमजीएसवाई के तहत जो सडक बनती है लोगों की जाए इनको जाने के लिए रास्ता और पीने के लिए पानी उपलब्ध करवाया जाये जो किसी भी इंसान की बुनियादी अवश्कताये हैं।
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