Yesterday, a news item came in which the Ministry of Home Affairs (MHA) wrote a letter to all the para military forces such as BSF ITBP CRPF CISF NSG and banned them for using mobile apps such as Facebook Instagram Tinder PUBG. MHA took this action after an email from Minister of State G Krishna Reddy. Along with this, the MHA also extended this ban to the ex-servicemen as they are often in contact with our jawans . Along with this, it was also instructed that all of them should delete their Facebook account till 15th July. Strict action has been taken against the non-compliance of the order. Along with this, MHA also advised that these soldiers should use Made in India mobile apps similar to Facebook Instagram, so that there is no risk of Security Concerns and leakage of data. MHA has also banned 89 mobile apps which included 59 already banned Chinese apps. This is a very commendable step by the Ministry of Home Affairs, because the intelligence agencies of Pakistan and China were trying to trap these soldiers through these apps, the stories of 'Honey Trap' which we often listen. The advice of MHA that our soldiers should use native apps similar to Facebook and Instagram, so that the foreign government cannot access our security data. The advice of MHA may give boost to our Indian Entrepreneurs to develop such apps & may be a step in the direction of 'Atamnirbhar Bharat' as visioned by our PM Modi Ji & also decimate the risk of leakage of our Security data.But one thing to ponder about is that our military brothers who live in a stressful conditions, such mobile apps are a great way help them to stay in contact with their friends and relatives, which helps to reduce their stress. So the time till then these home made apps come into the market this seems to be a very difficult step looking at the angle of dependency of para military personnel on it.
कल एक खबर सुनने में आई जिसमें मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने (एम एच ए) ने एक पत्र निकाल कर जितनी भी हमारी पैरामिलिट्री फोर्सिस है उन सभी को मोबाइल एप्स जैसे कि फेसबुक इंस्टाग्राम टिंडर पब्जी इन सब का इस्तेमाल करने के लिए प्रतिबंधित कर दिया। एमएच ने यह कार्रवाई मिनिस्टर ऑफ स्टेट जी कृष्णा रेडी का एक ईमेल करने के बाद की। इसके साथ ही एमएचए ने पैरामिलिट्री फोर्स और उसके साथ जुड़े हुए एक्स सर्विसमैन क्योंकि वह अक्सर हमारे जवानों के संपर्क में रहते हैं उनको भी इन एप्स का इस्तेमाल करने के लिए प्रतिबंधित कर दिया। इसके साथ यह भी निर्देश दिया की इन सभी को अपने फेसबुक अकाउंट डिलीट कर देना चाहिए। इसके लिए 15 जुलाई को आखिरी तिथि रखा गया है आदेश न मानने पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही गई है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इन जवानों को देश में ही बनाए हुए फेसबुक इंस्टाग्राम जैसे मोबाइल एप का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे हमारे देश की जानकारी को लीक होने का खतरा ना।एम एच ए ने साथ साथ ही 89 मोबाइल एप्स को भी प्रतिबंधित कर दिया गया प्रतिबंधित कर दिया है जिनमें 59 पहले से ही प्रतिबंधित चाइनीज ऐप्स है। मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स का यह एक बहुत ही सराहनीय कदम है क्योंकि पाकिस्तान और चाइना की जो इंटेलिजेंस एजेंसीज थी वह कब से हमारे जवानों को इन एप्स कीजिए ट्रैप करने की कोशिश कर रही थी इसके किस्से हमें सुनने में मिलते रहते हैं और इससे देश की खुफिया जानकारी लीक होने का खतरा था। इसमें एक और अच्छी बात जो यह कही गई है की हमारे जवानों को फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे देसी एप्स का इस्तेमाल करना चाहिए जिनसे विदेशी सरकारी हमारे सिक्योरिटी डाटा तक अपनी पहुंच ना बना पाये। मगर एक बात सोचने योग्य है कि हमारे फौजी भाई जो आगे ही तनावग्रस्त जिंदगी जीते हैं ऐसे मोबाइल ऐप उनके लिए अपने दोस्तों रिश्तेदारों से मिलने के लिए एक बहुत बड़ा जरिया होते हैं जो उनका तनाव कम करने में मदद करते हैं अगर मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के मुताबिक हमारी देशी कंपनियां ऐसे मोबाइल एप्स को बना सकती हैं जो फेसबुक ओर इंस्टाग्राम जैसी सुविधाओं उनको दे सके तो यकीनन एक यह बहुत ही अच्छी बात होगी इससे हमारे जो स्थानीय देसी एंटरप्रेन्योर हैं उनको एक एक्सपोजर मिलेगा और जो आत्मनिर्भर भारत के बारे में हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी ने सोच रखी है उसको भी आगे लेकर चलने में मदद मिलेगी और साथ ही जो खुफिया जानकारी लीक होने का खतरा बना रहता था उस पर भी एक लगाम लगेगी लेकिन जब तक इन एप्स का कोई स्वदेशी विकल्प नहीं मिलता तब तक हमारे जवानों की इन पर निर्भरता को देखते हुए यह एक बहुत ही कठिन कदम लगता है
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