Wednesday, August 11, 2021

जनवरी 2019 में भी आदिल फारूक पर हुआ था सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज



कल श्रीनगर में एक बड़े ही हैरतअंगेज वाक्य मे पत्रकार आदिल फारूक को प्रेस एनक्लेव के बाहर सीआरपीएफ ने गिरफ्तार किया और लोगों को एकबारगी तो यकीन ही नहीं हुआ कि हमारी डेमोक्रेसी का चौथा स्तंभ कहलाने वाले पत्रकार बिरादरी में भी कोई ऐसा इंसान हो सकता है जो हमारी ही डेमोक्रेसी को जड़ से काटने की कोशिश कर रहा हो। अगर बात करें तो आदिल फारूक इससे पहले भी पीएसए के एक केस में फंस चुके हैं। उन पर  जनवरी 2019 में  एक सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (PSA) का मामला दर्ज किया गया था और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।  और उनकी रिहाई के लिए कई एकजुटता अभियान पत्रकारों और तथाकथित 'नागरिक समाज' समूहों द्वारा आयोजित किए गए थे।  पढ़ें पीएसए डोजियर मे  क्या कहा गया था।  

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